भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
* [[किसी को क्या पता था इस अदा पर मर मिटेंगे हम / दुष्यंत कुमार]]
* [[हो गई है पीर पर्वत / दुष्यंत कुमार]]
* [[लफ़्ज़ एहसास-से छाने लगे, ये तो हद है / दुष्यंत कुमार]]
* [[ये ज़ुबाँ हमसे सी नहीं जाती / दुष्यंत कुमार]]
* [[घंटियों की आवाज़ कानों तक पहुंचती है / दुष्यंत कुमार]]