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<poem>

ये करें और वो करें ऐसा करें वैसा करें,
ज़िन्दगी दो दिन की है दो दिन में हम क्या क्या करें

जी में आता है की दें परदे से परदे का जवाब
हम से वो पर्दा करें दुनिया से हम पर्दा करें

सुन रहा हूँ कुछ लुटेरे आ गये हैं शहर में
आप जल्दी बंद अपने घर का दरवाज़ा करें

इस पुरानी बेवफ़ा दुनिया का रोना कब तलक
आइये मिलजुल के इक दुनिया नयी पैदा करें

</poem>
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