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12:53, 12 सितम्बर 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=निशाकर
|अनुवादक=
|संग्रह=ककबा करैए प्रेम / निशाकर
}}
{{KKCatAngikaRachna}}
<poem>
हमरा लेल
अहाँक आँखि
बनि गेलए झील
हम बनि गेलहुँ हेलनिहार।
हमरा लेल
अहाँक चेहरा
बनि गेलए चान
हम बनि गेलहुँ चकोर।
हमरा लेल
अहाँक देह
बनि गेलइए फूल
हम बनि गेलहुँ भौंरा।
हमरा लेल
अहाँक आवाज
बनि गेलइए जलतरंग
हम बनि गेलहुँ संगीतकार।
</poem>