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12:55, 12 सितम्बर 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=निशाकर
|अनुवादक=
|संग्रह=ककबा करैए प्रेम / निशाकर
}}
{{KKCatAngikaRachna}}
<poem>
अहाँक गरज रहइए हमरा
हमर गरज रहइए अहाँकें
अहाँक सुखसँ सुखित भऽ जाइ छी
आ अहाँक दुखसँ दुखित
हमर सुखसँ सुखित भऽ जाइ छी अहाँ
लोलकें जोड़ि दइए
एक-दोसरासँ घेंट
ओकर गरज।
</poem>