Changes

महाभारत / गंग नहौन / निशाकर

880 bytes added, 21:22, 18 सितम्बर 2018
' {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशाकर |अनुवादक= |संग्रह=गंग नहौन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया


{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=निशाकर
|अनुवादक=
|संग्रह=गंग नहौन / निशाकर
}}
{{KKCatAngikaRachna}}
<poem>
एक दिन
छाउर भऽ जएतै ओकर देह
मिझरा जायति माटिमे
तैयो
चमकैत रहतै आकर स्मृति
बिजुरी बनि हमरा मोनमे।

आशिकीक रंग मद्धिम नहि होएतैक
कहियो
आशिकीक रंग मद्धिम नहि होएतैक
कहियो
आशिकी खतम नहि होएतैक
हमहूँ
कालसँ लड़ैत रहबै
लथ-पथ होइत रहबै।
माछ
मखान
आ पान
एहन कोनो बात नहि।

</poem>
761
edits