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|संग्रह=गंग नहौन / निशाकर
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<poem>
अपस्याँत किए छी अहाँ?
अहाँ पढ़ाबी
हम नहि पढ़ी
वेद बाइबिल
आ कुरान
एहन कोनो बात नहि।
</poem>