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जज़्बात / अजय अज्ञात

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/* इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ */
* [[पुरखों ने जो कमाई थी दौलत बची रहे / अजय अज्ञात]]
* [[जफ़ा समझे, वफ़ा समझे, भला समझे, बुरा समझे / अजय अज्ञात]]
* [[हरिक शै में तेरी मौजूदगी महसूस करता हूँ/ अजय अज्ञात]]
* [[किसी के हुस्न का नक्शा मुझे कामिल नहीं मिलता / अजय अज्ञात]]
* [[हर वक्त दिल पे जैसे कोई बोझ सा रहा / अजय अज्ञात]]
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