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ज़िन्दगी इक सफ़र में गुज़री है / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
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04:29, 4 अक्टूबर 2018
उम्र भी उम्र भर में गुज़री है
ग़मज़दा तारों का हिज़ाब
ओढ़े
रखेे
एक शब रात भर में
गुज़र
गुज़री
है
इक कसीदा ग़ज़ल प रुख करूं तो
Jangveer Singh
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