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<poem>
नीली आँखों वाला एक विशालकाय दानव
जहाँ खिड़की के पास खिला हुआ हो
हरसिंगार
जैसे यह कोई बहुत बड़ा काम हो
लेकिन वह बना नहीं पाता था
अपने हाथों से उसके लिए
छोटा-सा घर
जहाँ खिड़की के पास खिला हुआ हो
नीली आँखों वाला वह महाकाय दानव
उस नन्हीं औरत को प्यार करता था।
लेकिन वो औरत उसके साथ चलते-चलते
थक चुकी थी बुरी तरह
दानव की काया बहुत विशाल थी
बाग में बने आरामदेह छोटे से घर में
विदा ! विदा ! — कहा उसने उन नीली आँखों से कहा
और एक अमीर बौना उसे दूर ले गया
एक छोटे से घर में
अब दानव की समझ में आई यह बात
कि किसी दानव का के प्यार को बहुत मुश्किल है छुपानाछुपा पाना
उस छोटे से घर में
जिसकी खिड़की के पास