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हम न मरब / विजय कुमार

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मैं
उन अन्तरालों में जाना चाहता था
दूर जुलूस की आती थीं आवाजेंआवाज़ें
सड़क पर आवारा कुत्तों की आँखों में याचनाएँ
एक झुर्रियोंदार बूढ़े ने कहा
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