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किसका किसमें है इतना साहस
कि मुझे सिखा सके
और किसके पास है इतना दुःसमय
कि चाबुक की तरह पछाड़ खाएखाई
मेरी चेतना में
और वह टूट जाए मेरे पैरों के समीप
जैसे टूटे वेगवान लहर .... कोई?
निर्दयी !
किसका किसमें है इतना साहस
कि मुझे लौटाए
किसके पास है इतना दुःसमय ?