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ओ पृथ्वी! / असंगघोष

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अपने अक्षांश पर
कहीं सीधी हो गईं गई तो
प्रलय मच जायेगा
तुम्हें पूजना बंद कर देंगे, वे
इसलिए कूबड़ निकाले
झुकी रहो
सीधी हो गईं गई तो
शेषनाग के फन से गिर पड़ोगी
यदि है,
उनके इशारे पर
हम मारे जाएँगे शंबूक के की मानिंद?
हम नहीं मानते