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बादलों पर नित पग धरूँ
गगनपथ पर मैं डग भरूँ
 '''यदि तुम रहो प्रिय! साथ में'''
चाँद का दर्पण निहारूँ
तप्त तन को मैं सँवारूँ
 '''यदि तुम रहो प्रिय! साथ में'''
प्रकृति- सी उन्मुक्त नाचूँ
बासन्ती पृष्ठों को बाँचूँ
 '''यदि तुम रहो प्रिय! साथ में'''
प्रश्नपत्र यह जीवन का
लिख दूँगी उत्तर मन का
 '''यदि तुम रहो प्रिय! साथ में'''
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