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माँ की इसमें माधुरी, भार्या का सा प्यार।
गुरु जैसा उपदेश है, शिक्षा का भण्डार॥
घर, वन, सभा, समाज में हिन्दी को सप्रेम।
बोलें, हस्ताक्षर करें, इसमें है सुख क्षेम॥
बातचीत, घरबार हो, प्यार हो कि व्यापार।
सभी जगह पर कीजिये हिन्दी का व्यवहार॥
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