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हरदम सावधान रहना है।
जो स्वदेश करते बदनाम,
लेकर आजादी का नाम;
देश विरोधी करते काम।
हरदम सावधान रहना है।कट्टरपंथ नया धर बानाहिन्दी आत्मा देश की, संस्कृति की पहचान। देशद्रोह का गाता गानाराष्ट्र धर्म की चेतना, इसका सुर जानापहचाना।विश्वप्रेम विज्ञान॥
हरदम सावधान रहना है।इनके पास बहुत से साधन,धनदौलत, सुविधा, आराधनाहिन्दी गौरवबोध है, अपनापन अरु नेह। दाँवपेंचभारत माँ की आत्मा, छलकपट प्रसाधन।भारत माँ की देह॥
हरदम सावधान रहना है।समाचारसूचना प्रसारणसंस्कृत की बेटी भली, संस्कृति का अनुराग। इनके हाथों है निर्धारणस्वाभिमान, जिसमें मंत्र छिपा है मारण।सच्चेतना, मानवता, शुचि त्याग॥
हरदम सावधान रहना है।इनकी राजनीति यह मैत्री की महक है गंदी, यह सुहागसिन्दूर। इनके हाथों प्रतिभा बंदीयह मणिमाला ज्ञान की, ये पथभ्रष्ट, क्षुद्र, छलछंदी। हरदम सावधान रहना है।ये प्रचार मिडिया के स्वामी, मानो सबके अंतर्यामी, सारा चिन्तन है प्रतिगामी।यौवनरस से पूर॥
माँ की इसमें माधुरी, भार्या का सा प्यार।
गुरु जैसा उपदेश है, शिक्षा का भण्डार॥
 
घर, वन, सभा, समाज में हिन्दी को सप्रेम।
बोलें, हस्ताक्षर करें, इसमें है सुख क्षेम॥
 
बातचीत, घरबार हो, प्यार हो कि व्यापार।
सभी जगह पर कीजिये हिन्दी का व्‍यवहार॥
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