क्या कहता है हौले-हौले।
आओ मन की परतें खोलें।
जिनका जीवन है पहाड़ सा,
पर चेहरों पर मुस्कानें हैं,
आओ अपने संग संजो लें।
आओ मन की परतें खोलें।
मिट्टी की सोंधी खुशबू में,
जीवन की हर महक बसी है,
लेकर जीवन में रस घोलें।
आओ मन की परतें खोलें।
रिश्तों की मीठी गरमाहट,
अरमानों की नाज़ुक आहट,