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चार खूँटियों पर धातु का चौकोर बड़ा गमला।ये रात दिन उड़ने वाली लड़कियाँमहँगी मुस्कान ओढ़ती हैंमुस्कान मुझे महँगी पड़ती हैमैं पैसे देकर खरीदता हूँउफ़! लड़कियों को कितनी महँगी पड़ती है मुस्कानजो पैसों के लिए इसे ओढ़ती हैं
गमला मिट्टी का। गमला प्लास्टिक का।इस वक़्त प्रतीक्षाकक्ष में बैठी हैंबहुत बड़ा नहीं, ज़्यादा से ज़्यादा छोटी बालटी।दो आपस में बात करती हैंतीसरी चिन्तामग्न हैबात करने वाली परिचारिकाओं की उँगलियाँ शून्य मेंबातचीत की आकृतियाँ बनाती हैंचिन्तामग्न लड़की की उँगलियाँ चिन्ताओं को थामे हुए हैं
गमला कहने पर चौकोर आकार की कल्पना नहीं।साढ़े नौ बजने को हैचौकोर बड़ा गमला गमला इसलिए कि इसमें पौधे।चिन्ताएँ उठ कर चल पड़ी हैंमिट्टी। मिट्टी में पौधे।उँगलियों ने चिन्ताओं के बजाय और उँगलियों को थाम लिया हैसदाबहार पौधे।गमले की चौकोर दीवारें धातु की सपाट छडे़ं।कोनों में सीधा छड़। ऐंगल।मुस्कान और मुस्कान साथ चल पड़ी हैं।
पौधों के पत्तों के बीच
बुजुर्ग अधगंजा आदमी जिसके सिर दाढ़ी के बाल सभी काले।
बालों में रंग डालने से दृश्य में अदृश्य उसकी बीवी, प्रेमिकाएँ, सभी हैं
दृश्य।
गमला और पौधे के बीच से दिखती है सृष्टि, एक सृष्टि।
दूसरी और तीसरी दृश्य सृष्टि गमले की दिशा से विपरीत ओर हैं।
कई सृष्टियाँ गमले की दिशा में हैं, अदृश्य हैं।
किस सृष्टि में है गमला
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