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06:39, 22 जनवरी 2019 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=लाल्टू
|अनुवादक=
|संग्रह=नहा कर नही लौटा है बुद्ध / लाल्टू
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
देश के बच्चे शपथ ले रहे हैं
भूतपूर्व राष्ट्रपति
जो किसी भी मुद्दे पर चुप्पी साधे रखना ठीक समझता है
बच्चों को सौगन्ध दिला रहा है कि
वे देश को महान् बनाएँ
कि उनके शपथ लेने से एक देश
दुनिया का सबसे बड़ा देश बन जाएगा
इतिहास की कहानियाँ बन गई हैं
एक सरलमना व्यक्ति की जटिल ज़िदें
जब अदृश्य हैं हमारे लिए
देश के बहुत सारे लोग
हम देखना चाहते हैं एक आदमी को
लिपटना चिपकना चाहते हैं एक आदमी से
गाँधी गाँधी गाँधी।
संकटों से घिरे लोग पुकार रहे हैं एक स्वर में
गाँधी गाँधी गाँधी।
</poem>