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'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लाल्टू |अनुवादक= |संग्रह=नहा कर नह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
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{{KKRachna
|रचनाकार=लाल्टू
|अनुवादक=
|संग्रह=नहा कर नही लौटा है बुद्ध / लाल्टू
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
छोटे बालों वाली लड़की मुझे अच्छी लगती है
ऐसा खु़द से कहा उसे देखकर
उसकी आँखें बीत गए सालांे में और धँस गई थीं
पिछले कई बसन्त
इन्तज़ार करते बीत गए
सालों बाद सोचा उसके लिए एक लम्बी कविता लिखेगा
जिसमें उसके छोटे बालों में भर देगा सुन्दरता के सागर
और वह उसके छोटे बालों पर खड़ा था
जो समूची पृथ्वी पर एक सपने की तरह फैले हुए थे
क़लम काग़ज़ रख
ढूँढ़ता रहा
वह याद आती बहुत याद आती
मेरे बालों में तुम समा जाओ कह जाती
तुम आओ
अपने छोटे बालों को लेकर आओ
मुझे तुम पर एक लम्बी कविता लिखनी है
छोटे बालों वाली लड़की मुझे अच्छी लगती
याद बन कविताओं में महकता रहा बसन्त।
</poem>
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|रचनाकार=लाल्टू
|अनुवादक=
|संग्रह=नहा कर नही लौटा है बुद्ध / लाल्टू
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<poem>
छोटे बालों वाली लड़की मुझे अच्छी लगती है
ऐसा खु़द से कहा उसे देखकर
उसकी आँखें बीत गए सालांे में और धँस गई थीं
पिछले कई बसन्त
इन्तज़ार करते बीत गए
सालों बाद सोचा उसके लिए एक लम्बी कविता लिखेगा
जिसमें उसके छोटे बालों में भर देगा सुन्दरता के सागर
और वह उसके छोटे बालों पर खड़ा था
जो समूची पृथ्वी पर एक सपने की तरह फैले हुए थे
क़लम काग़ज़ रख
ढूँढ़ता रहा
वह याद आती बहुत याद आती
मेरे बालों में तुम समा जाओ कह जाती
तुम आओ
अपने छोटे बालों को लेकर आओ
मुझे तुम पर एक लम्बी कविता लिखनी है
छोटे बालों वाली लड़की मुझे अच्छी लगती
याद बन कविताओं में महकता रहा बसन्त।
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