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क्या सच है क्या है ख़्वाब रहे ध्यान में जनाब
हर चेहरे पे नक़ाब, रहे ध्यान में जनाब
 
हर मोड़ पे है प्यास बुझाने की आरज़ू
हर मोड़ पे सराब, रहे ध्यान में जनाब
 
मिट्टी की गागरों सा है हर एक आसरा
और वक़्त है चिनाब, रहे ध्यान में जनाब
 
कुछ और इम्तिहानों की देते हैं दावतें
ये नाम ये ख़िताब, रहे ध्यान में जनाब
 
अपने दिलो-दिमाग़ के हर इक सवाल का
हम ख़ुद ही हैं जवाब, रहे ध्यान में जनाब
 
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