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दिल, दिलबर, दुश्मन के हीं हम अप्पन दिलदार बनयबइ।आब मिलके हमसब नउका बिहार बनयबइ।।दे रहलइ हें सूरज हमर घर पर दस्तक।हम अप्पन किस्मत के अंदाज नया चमकदार बनयबइ।।आबऽ ....पुरुष हिअइ हमरा में पौरुष छलकऽ हे।अबकी बसंती-बयार हम तो ई जुआनी के मिजाज नया हे।।दमदार बनयबइ।।फूल खिलल रंग घुलल, हे दिल से दिल मिलल।सुर सरगम संगीत आउर साज नया हे।। अबकी आबऽ ....दिलबर भाँति-भाँति के दीदार ले तरस रहल अँखिया।फूल खिलल हे ई बगिया में।मिठगर बोल कोयलिया सब फूलन के अबाज नया हे।। अबकी एगो हम तो हार बनयबइ।।आबऽ ....शम्स छुआछूत के नूर पड़ऽ हे भोर फेर में जब शबनम पर।हम बड़ दिन रहलूँ।मोती जइसन चमके मानवता के ई राज नया हे।। अबकी हम अप्पन सिंगार बनयबइ।।आबऽ ....दिलबर से नजर मिलते बदल गेल संसार।की ई बसंत सूक्खल नदी में मिलन नाव भी हम चला सकऽ ही।हम तो अप्पन जिनगी के रिवाज नया हे।। अबकी रसदार बनयबइ।।आबऽ ....बिन पीयले मेहनतकश इंसाँ इहाँ पर सबके सब डोल रहल।कहिओ न´् हारऽ हे।साकी हे नया या साकी धरम-करम के नाज नया हे।। अबकी हम तो अप्पन यार बनयबइ।।आबऽ ....शरबती अँखियन में जे गोता मार लेलक।हम इतिहाँस पढ़ऽ ही न´् इतिहाँस बनाबऽ ही।बस इनखे से मोहब्बत हम अप्पन सूबा के ताज नया हे।। अबकी सदाबहार बनयबइ।।आबऽ ....
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