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बलम मीठा पान खइबऽ की डाल दी जरदा। बलम न अठारह से ऊपर न सोलह से कम।चाही लड़की एटमबम, चाही लड़की एटमबम।।गाल गुलाबी चाहिए नैन शराबी चाहिए।ऊ लड़की में कोय न´् खराबी चाहिए।न बिलकुल हो ठंढा न´् जादे गरम।। चाही ....तनी आबऽ नाटी चाहिए न प्यार कर ल छोड़ के सब परदा।दाल छाँटी चाहिए।मीठा पान खइबा तो खाली ओठ लाली।सोलहो आना हमरा माल खाँटी चाहिए।जरदा में दुनहुँ मजा होली अउ दीवाली।आझ दुनहुँ मिलके उड़ा देबै गरदा।। बलम कहके जो बोलवे तनी सुनऽ ए बलम।। चाही ....देखला होत जिनगी में ऐसन न´् जवानी।शर्मीली चाहिए न कँटीली चाहिए।हमरा में सटते याद आ जइथुन नानी।बस एगो छइल छबीली चाहिए।दूर-दूर भागऽ हऽ इहे हा मरदा।। बलम परदा वाली चाही न चाही बेशरम।। चाही ....बड़ी-बड़ी बात काहे बालऽ हऽ ए रानी।चंपा चाहिए न चमेली चाहिए।हमरा से टकरइते ही उतर जइतो पानी।बस एगो अलबेली चाहिए।हमरा न´् खिसियाबऽ हम बक्सर के बरदा।।खिलाब मीठा पान या खिलाबऽ चाहे जरदा।हर हाल में उठा देबो आझ तोहर परदा।बलम मीठा पान खइबा की डाल दी जरदा।।सुबह-शाम जे खिलाबे रोटी गरमा गरम।। चाही ....
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