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|रचनाकार=उमेश बहादुरपुरी
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|संग्रह=संगम / उमेश बहादुरपुरी
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धानी नी रंग चुनरिया मंगाइ दऽ पियवा।पियवाहरी-हरी चुड़िया मंगाइ दऽ पियवा।।पियवा
मंगाइ दऽ ...
चुनरी पहिर हम गंगाधाम जइबइ।जइबइचुनरी पहिर हम बाबाधाम जइबइ।जइबइबाबा के शहरिया घुमाइ दऽ पियवा।पियवा
हरी ....
गंगाधाम जाइ के माता के मनइबइ।मनइबइबाबाधाम जाई के दाता के मनइबइ।मनइबइतनी बनके काँवरिया दिखाय दऽ पियवा।।पियवा
हरी ....
चुनरी पहिर करबइ शिव के पूजनमाँ।पूजनमाँबीतलइ असढ़वा अयलइ सवनमाँ।सवनमाँतनी बनके साँवरिया दिखाय दऽ पियवा।।पियवा
हरी ....
 
 
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