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|रचनाकार=उमेश बहादुरपुरी
|अनुवादक=
|संग्रह=संगम / उमेश बहादुरपुरी
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भूँजी-भूँजी खइलें मछलिया पापी जिभिया के कारण।कारणमुख से न कइलें भजनियाँ पापी जिभिया के कारण।।कारणअपन बेटा के इंगलिश पढ़वइलें दोसर के मूड़ी कटबइलें।कटबइलेंतेल-मसाला में ओकरा मिलाके जिभिया के चटवइलें।चटवइलेंचाट-चाट करऽ हें फुटनियाँ पापी जिभिया के कारण।। कारणमुख ....लख चउरासी भरम-भरम के मिललौ तोरा ई तनमा।तनमामाँस-मछलिया के चक्कर में तूँ बन गेलें बइमनमा।बइमनमाबेकार भेलौ तोहर जवनियाँ पापी जिभिया के कारण।। कारण मुख ....राम-श्याम हे हीरा-मोती ओकरा तूँ ठुकरइलें।ठुकरइलेंमाया-मोह के चक्कर में जिनगी ब्यर्थ गँवइलें।गँवइलेंकुच्छो न´् छोड़ले निशनियाँ पापी जिभिया के कारण।। कारणमुख ....
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