Changes

जिसका कोई भी अंत नहीं दिखता:
होता, तो बस ये कि फिर-फिर होता–
आह! *मेरी मैग्डलिन<ref>यीशू के साथ यात्रा करने वाली उनकी एक शिष्या, जिसने उनका पुनर्जीवित होना देखा था</ref>,
इतनी पीड़ा और कहाँ है?
जलने और ठन्डे पड़ने के बीच विचरना
फिर से थरथरा के बबूला होना–
आह! मेरी मैग्डलिन<ref>यीशू के साथ यात्रा करने वाली उनकी एक शिष्या, जिसने उनका पुनर्जीवित होना देखा था</ref>,
इतनी पीड़ा और कहाँ है: