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जीवन के अनजाने पथ पर चलना तुम स्वीकार करोदुख आये जब भी जीवन में हँसकर अंगीकार करो।करो
भूली बिसरी यादें ही जीने का संबल देती हैंएहैंअपने पौरूष के बल पर ही सपने सब साकार करो।करो
सच्चाईए सच्चाई, अनुशासन को ही जीवन का आदर्श बनाएसबके दुख को अपना कर तुम सबका बेड़ा पार करो।करो
रम्य मनोहर वसुधा को हरियाली से भर.भर कर हीएहीअनगिन वृक्षों की रक्षा कर तुम उसका शृंगार करोएकरो
सारे कलुषित भावों को उत्सर्ग करो गंगा जल मेंएमेंसबके मन में प्रेम जगा कर सबका बेड़ा पार करो।करो
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