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अस्ताचलगामी सूरज का रथ
लगता है धुरी से अलग हो गया है
एक पहिया
या कि स्वर्णकर्णी घोड़े की तलाश में
विभिन्न दिशाओं में दौड़ पड़े हैं बाक़ी घोड़े