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'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कुमार नयन |अनुवादक= |संग्रह=दयारे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कुमार नयन
|अनुवादक=
|संग्रह=दयारे हयात में / कुमार नयन
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
वफ़ा की हर मिसाल ज़िंदा रख
तू इश्क़ का ख़याल ज़िंदा रख।
हसीन ख़्वाब रख के आंखों में
दिलों में कुछ वबाल ज़िंदा रख।
हयात जब तलक भी है तेरी
लहू में रंग लाल ज़िंदा रख।
मिटेगा एक दिन अंधेरा ये
यक़ीन की मशाल ज़िंदा रख।
नये हों नज़रिये मिजाज़ मगर
सवाल-दर-सवाल ज़िंदा रख।
खुशी ठुमक-ठुमक के नाचेगी
ग़मों के सुर व ताल ज़िंदा रख।
पलट के देखना ज़रूरी है
गुज़र गया जो साल ज़िंदा रख।
</poem>
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|रचनाकार=कुमार नयन
|अनुवादक=
|संग्रह=दयारे हयात में / कुमार नयन
}}
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वफ़ा की हर मिसाल ज़िंदा रख
तू इश्क़ का ख़याल ज़िंदा रख।
हसीन ख़्वाब रख के आंखों में
दिलों में कुछ वबाल ज़िंदा रख।
हयात जब तलक भी है तेरी
लहू में रंग लाल ज़िंदा रख।
मिटेगा एक दिन अंधेरा ये
यक़ीन की मशाल ज़िंदा रख।
नये हों नज़रिये मिजाज़ मगर
सवाल-दर-सवाल ज़िंदा रख।
खुशी ठुमक-ठुमक के नाचेगी
ग़मों के सुर व ताल ज़िंदा रख।
पलट के देखना ज़रूरी है
गुज़र गया जो साल ज़िंदा रख।
</poem>