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13:21, 11 जून 2019 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सुधा चौरसिया
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
इस साल
तुम मेरी चीखों के नाम
एक
प्रेम पत्र लिखो
लिखो कि
हवा
तुम्हारे बिना जहरीली है
फूल तुम्हारे बिना
सौंदर्यहीन है
इस साल
तुम मेरी चीखों के नाम
एक
प्रेम पत्र लिखो
लिखो कि
धरती की हरियाली
तुम्हारे बिना
नीरस है
आकाश की नीलिमा
तुम्हारे बिना
अर्थहीन है
इस साल
तुम मेरी चीखों के नाम
एक
प्रेम पत्र लिखो
कविताएं
तुम्हारे बिना
शब्दों के जाल हैँ
तूलिका
तुम्हारे बिना बेजान है
लिखो कि
रंगों की बस्ती
तुम्हारे बिना बेजुबान है
इस साल
तुम मेरी चीखों के नाम
एक
प्रेम पत्र लिखो...
</poem>