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01:38, 14 जून 2019 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=राज़िक़ अंसारी
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<poem> नए राजा की, रानी की ज़रूरत
नयापन है कहानी की ज़रूरत
तुम्हें हम आंसुओं देंगे इजाज़त
पड़ेगी जब भी पानी की ज़रूरत
अभी मुम्किन नहीं है क़त्ल अपना
अभी हम हैं कहानी की ज़रूरत
तुम्हारी भीड़ में हो जाए शामिल
जिसे है लन तरानी की ज़रूरत
अगर सच्चाई है बातों में अपनी
नहीं शोला बयानी कि ज़रूरत
हमें सरकार बिल्कुल भी नहीं है
तुम्हारी मेहरबानी की ज़रूरत
</poem>