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गुड़िया क बियाह / एस. मनोज

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गुड़ियाक हम बियाह रचैबै
ढोलक पिपही खूब बजैबै

दीदी, काकी ,मामी अयथिन
बिद्ध बिद्ध कें गीतक गयथिन

सभ मिलिकें मटकोरा करबै
आम महुआक बियाह रचैबै

गुड्डा बनतै दुल्हा राजा
नाच गान अंगरेजी बाजा

दुअरिलग्गी वरमाला होयतै
परिछन बाला गीतक गयतै

भोज भात भंडारा होयतै
टोल पड़ोसक सभ मिलि खयतै

राति भरिमे शादी होयतै
भिनसर गुड़िया सासुर जयतै
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