962 bytes added,
11:59, 23 जुलाई 2019 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मनोज झा
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
युवा शक्ति ही राष्ट्र शक्ति है,
जनसेवा ही देशभक्ति है।
उठो जवानोँ बढो जवानोँ,
युग का जुआ ही सिद्ध युक्ति है।
देश धर्म फैलाकर देखो,
दृढसंकल्प जगाकर देखो।
संभव सबकुछ हो सकता है
तन मन धन तो लगाकर देखो।
भाईचारा कितना प्यारा,
जग बंधुत्व का सुंदर नारा।
भ्रष्टाचार मिटाओ लोगो
कर्मशीलता सुलभ युक्ति है.. युवा शक्ति ही ।
</poem>