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हर वख्त वक़्त उदास दुखित रहता वह,
करता है धार्मिक बकवाद।
लिखने में करता है गलतीग़लती, शब्द का मतलव मतलब रहे न याद॥  
निम्न पेट फूला दिखता है,
तेज तेज़ बुद्धि दुबला रोगी। रोगी । सूखी त्वचा सशंक सशँक चिड़चिड़ा, कफ कफ़ प्रधान होता लोभी॥ लोभी ॥ पेट फूलना , गुड़गुड़ करना, जलन सँग हो खट्टी डकार। डकार । कौर -दो कौर से भरे पेट तोलाइको माँगे वह बीमार॥ बीमार ॥ दाँयीँ दाँईं उपजे रोग और फिर वाँयीं तरफ बाँईं तरफ़ को जाए. सायं सायँ चार से आठ बजेबढना बढ़ना लाइको बतलाए॥ बतलाए ॥
मूत्र से पहले बच्चा रोए,
अथवा तली जमे जो लाल। लाल ।
रुक-रुक कर होता पेशाब,
ऐसे में लाइको करे कमाल॥कमाल ॥ 
जब न्युमोनियाँ में बच्चे की
नासा दीवार दीवारें पिचके-फूलें। फूलें ।
कुहू-कुहू करती छाती तब
कभी न लाइको को भूलें॥भूलें ॥ रोगी बोले पैखाने पाख़ाने के समययोनि से लहू बहे। बहे ।
सूखी रहती योनि और
संभोग काल संभोगकाल वह जलन कहे॥कहे ॥ 
अतिशय इन्द्रिय परिचालन से
ध्वजभंग और हो शीघ्रपतन। शीघ्रपतन । कब्ज कब्ज़ बताता है रोगी कारण मलद्वार का संकोचन॥संकोचन ॥
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