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ये उदासी प्राण लेकर जा रही / धीरज श्रीवास्तव
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23:12, 29 सितम्बर 2019
भावनाएँ राधिका सी,
हो गयीं हैं बावरी!
ड्डष्ण
कृष्ण
गोरे हो गये हैं,
गोपियाँ सब साँवरी!
घोलती थी मधु कभी जो कान में
Rahul Shivay
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