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Kavita Kosh से
मैं कर चर्चा क्या पाऊँगा ?
मुझको अपना ही जन्म-निधन
'है सृष्टि प्रथम,है अंतिम लीलय.
मिट्टी का तन,मस्ती का मन,
क्षण भर जीवन-मेरा परिचय !
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