भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

प्याला / हरिवंशराय बच्चन

No change in size, 17:03, 24 अक्टूबर 2019
मैं कर चर्चा क्या पाऊँगा ?
मुझको अपना ही जन्म-निधन
'है सृष्टि प्रथम,है अंतिम लीलय.
मिट्टी का तन,मस्ती का मन,
क्षण भर जीवन-मेरा परिचय !
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,131
edits