गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
सीता: एक नारी / तृतीय सर्ग / पृष्ठ 4 / प्रताप नारायण सिंह
6 bytes removed
,
17:42, 5 नवम्बर 2019
था निज तपस्या से भरत ने अवध को सिंचित किया
श्रीराम को समृद्ध, उर्वर राज्य
हस्तान्त्रित
हस्तांतरित
किया
गणमान्य जन, कुलगुरु तथा निज परिजनों के सामने
था राज्य-पालन का लिया संकल्प प्रभु श्रीराम ने
</poem>
Pratap Narayan Singh
150
edits