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Kavita Kosh से
अलविदा मेरे प्यार, अलविदा दुर्भाग्य
मुक्त हो गईं तुम, यह था है मेरा कुभाग्य
वो आसमानी प्रेम, बस, कुछ देर झलका
फिर उस पर काला अन्धेरा-सा छलका
समुद्र की निगाह सी थी ज्यों गहरी तेरी वो नज़र
गर्म थी, हरी थी, खिला बादाम का शजर
पैरों के नीचे हमारे, जो फूल दब गए थे
एक बार फिर खिले वो, फिर से फब गए थे
तेरी याद आ रही थीहै, मुझे भरमा रही थी है ।
मुरमेलोन के पास था हूँ मैं, यह था है वह इलाका
जहाँ विरह में मधुपान कर, मुझ जैसा छैला-बाँका
गोलाबारी से घिरा थाहै, झेले गोलों का धमाका
ओ लू ! तू अशुभ है, अमंगल, नज़र तेरी भोली
मुझे बेध रही थी है ऐसे, ज्यों सीसे की कोई गोली ।
'''रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
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