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नया साल मंगलमय हो / एस. मनोज

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सुख समृद्धि सब घर में आए
कलह द्वेष सब दूर भगाए
चुनियाँ मुनियाँ गूंजे प्रतिपल
किलकारी चंचलमय हो।
नया साल मंगलमय हो।

वात्सल्य विकसित हो ऐसा
घर बन जाए स्वर्ग के जैसा
जीवन पथ पर बढ़े हमेशा
साहचर्य निश्छलमय हो।
नया साल मंगलमय हो।

नेह की खेती आओ कर लें
चमन को सारा सुख से भर दें
कदम कदम हो प्रीत से सुरभित
कहीं न कुछ दंगलमय हो।
नया साल मंगलमय हो।

आओ सब मिल कसमें खाएं
बंदूकों को कलम बनाएं
आतंक कहीं ना हो वसुधा पर
न राष्ट्र कोई जंगलमय हो।
नया साल मंगलमय हो।
</poem>
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