भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आशिष् / महेन्द्र भटनागर

879 bytes added, 18:33, 28 अगस्त 2008
New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=महेन्द्र भटनागर |संग्रह= विहान / महेन्द्र भटनागर }} <poem> :...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=महेन्द्र भटनागर
|संग्रह= विहान / महेन्द्र भटनागर
}}
<poem>

:मैं लिए हूँ
:प्राण की यह रिक्त झोली
:माँगता हूँ स्नेह-निर्मल,
:देखना बस चाहता हूँ
:हाथ ममता का
:उपेक्षित शीश पर !

:यदि पा गया तो —
:प्राण में भर वेग दुर्दम
:और धुन तूफ़ान-सी लेकर
:अभावों को मिटाने
:बढ़ चलूंगा !

:वेदना-अवसाद के,
:अवसान के युग
:जाएंगे बन
:हर्ष के
:उत्थान के क्षण !
:1941
Anonymous user