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यक़ीन होता है / आनन्द किशोर

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किसी पे , जाने बिना भी यक़ीन होता है
दिखे न , प्यार का धागा , महीन होता है

लिखा हुआ है अगर आपके मुक़द्दर में
क़रीब दिल के कोई हमनशीन होता है

उसी ने पार किया इश्क़ के समुन्दर को
वही जो इश्क़ में सारा विलीन होता है

वफ़ा ज़रा न मिलेगी यही है सच्चाई
उन्हों में चेहरा जिन्हों का हसीन होता है

नहीं हैं पास में सुख-चैन के कभी दो पल
वो आदमी तो जहाँ में मशीन होता है

नहीं है दौर वफ़ादारियों का अब यारों
वही भला है यहाँ जो कमीन होता है

कमाल है के गिनाता है ऐब जो सबके
समझ में ख़ुद की बड़ा वो ज़हीन होता है

यही सवाल है 'आनन्द' इन ग़रीबों की
नहींं करे जो मदद क्या कुलीन होता है
</poem>
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