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कुछ मेरे साथ बिताए पल
तब आएँगे क्या याद प्रिये ?
उत्सव जैसा वह पल होगा
ढोलक-मंजीरे बाजेंगे, तब नृत्य,गीत,संगीत वहाँ शादी की ख़ुशियाँ साजेगें। साजेंगे। होगी हल्दी तन पर तेरे , मेहंदी, पायल, कंगन मेंहदी पिय नाम बताएगीबिंदी जब तुझे सजायेंगी,
सखियाँ भी तुझको छेड़-छेड़
लेकर पिय नाम चिढ़ाएगी। चिढ़ायेंगी।
तेरे अंतर भी खुशियों का
जब क्या छाएगा उन्माद प्रिये! कुछ मेरे साथ बिताए पलतब आएँगे क्या याद प्रिये ?
जब तुम तू वेदी पर बैठोगी बैठेगी
नव रिश्ते जोड़े जाएँगे,
जब माँग भरेगी सिन्दूरी
फेरे जब शपथ खिलाएँगे।
जब तुम तू होगी पिय बाँहों में
जीवन में प्यार नया होगा,
जिसको तुम तू छोड़ न पाओगी पायेगी। ऐसा संसार नया होगा। बोलो तब भी मेरी ख़ातिर निकलेगी क्या फ़रियाद प्रिये! कुछ मेरे साथ बिताए पलतब आएँगे क्या याद प्रिये ?
पल-भर क्या याद रहेंगें तब तुझको ये प्रेम भरे संवाद प्रिये? माना कुछ दिन का मेरा साथ रहा पल-भर का मैं था माना कुछ दिन के मीत प्रिये! रहे,
लेकिन फिर भी बस तुझको ही
गाते थे ये मेरे गीत प्रिये! रहे। अब भी ये तुझको गाएँगे
चाहे तुझपर अधिकार नहीं,
तुम तू दूर कहीं भी जाओ पर जा लेकिन
होगा कम मेरा प्यार नहीं।
मैं अपनी क़समों ,वादों क्या तू यादों की कारा से करता हो जाएगी तुझको आज़ाद प्रिये! कुछ मेरे साथ बिताए पलतब आएँगे क्या याद प्रिये ?
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