ख़ुदनुमा होके निहाँ छुप के नुमायाँ होना
अलग़रज़ हुस्न को रूसवा किसी उनवाँ<sup>1</sup> होना
यूँ तो अकसीर है ख़ाके-दरे-जानाँ लेकिन काविशे-ग़म<sup>2</sup> से उसे गर्दिशे-दौराँ होना
हद्दे-तमकीं से न बाहर हुई खु़द्दार निगाह
आज तक आ न सका हुस्ने को हैराँ होना
चारागर<sup>3</sup> दर्द सरापा हूँ मेरे दर्द नहींबावर आया तुझे नश्तनर नश्तर का रगे-जाँ होना
दफ़्तरे-राज़े-महब्बहत था मलाले-दिल
पर वो सुकूते निगहे-नाज़ का पुरसाँ होना
सर-बसर बर्के़-फ़ना इश्क़ के जलवे हैं '''फ़िराक''फ़िराक' खा़नए-दिल को न आबाद न वीराँ होना 1- शीर्षक, 2- दुख की खोज, 3-चिकित्सक होना।
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