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05:12, 6 मार्च 2020 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=कुसुम ख़ुशबू
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
बेवफ़ाई की यूं सज़ा देंगे
दिल से हम आपको भुला देंगे
भर लूं आंखों में ये नज़ारे भी
मेरी तन्हाइयां सजा देंगे
प्यार बच्चों पे हम लुटाएं तो
ये फ़रिश्ते हमें वफ़ा देंगे
शाख़ से टूटना न ऐ पत्ते
तेज़ झोंके तुझे उड़ा देंगे
फूल जब भी वो ले के आयेंगे
प्यार हम भी उन्हें सवा देंगे
आगे बढ़ना है ख़ुद तुझे ख़ुशबू
लोग कब तुझको रास्ता देंगे
</poem>