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14:25, 6 मार्च 2020 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=अभिषेक कुमार अम्बर
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<poem>
अदब की बात करते हो अदब जानी नहीं तुमने
सही हैं क्या ग़लत बातें ये पहचानी नहीं तुमने
मिलेगा प्यार में धोखा हज़ारों बार समझाया
नसीहत दी बहुत 'अम्बर' मगर मानी नहीं तुमने।
</poem>