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माहिये-१ / वसुधा कनुप्रिया

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भारत हम को प्यारा
मिलजुल सब रहते
दुनिया में यह न्यारा


ख़ुद जान लुटा देते
वीर सपूतों तुम
यह देश बचा लेते


फौजी से कह बहना
आ जाओ भैया
कुछ माँग रखूँगी ना ⚘


सरहद पे जाना है
माँ कहती बेटे
ना दूध लजाना है


जब वीर चले घर से
नमन करे इनको
सदराह सुमन बरसे


ये देश पुकार रहा
चल मेरे फौजी
दुशमन ललकार रहा


फौजी मेरे भैया
याद करे भाभी
रोती रहती मैया


आज़ादी आई है
एक हुआ भारत
अति ख़ुशियाँ छाई हैं


भारत मेरा प्यारा
दुनिया के नक़्शे
पर लगता ये न्यारा


वीरों की गति न्यारी
शान तिरंगे की
देखे दुनिया सारी
</poem>
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