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अपनी रेल / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
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17:17, 6 मई 2020
दु:ख मिल-जुल कर बँट जाता।
मेल-जोल है बढ़ जाता
वैर-भाव सब घट जाता ।
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वीरबाला
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