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रोटी / हेमंत जोशी

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बैलगाड़ी, घोड़ागाड़ी
कारें, बसें, रेल की सवारी
ढ़ेरों ढेरों नशे, ढ़ेरों ढेरों बीमारीढ़ेरों ढेरों दवाएँ औऱ महामारी
विकास ही विकास चहुं ओर
नए-नए हथियार टैंक, युद्धपोत, विमान
आज जब कोई भूखा
यहाँ आदमी कहना ज़रूरी नहीं क्योंकी क्योंकि भूख
को स्त्रीलिंग और पुल्लिंग में बाँटना ठीक नहीं
जब कोई भूखा कहता है आज
रोटी दो, मुझे रोटी दो
तो वह वो उससे पूछते हैं
जीने का मतलब क्या केवल रोटी होता है?
देखो, देखो हमने विमान बनाए हैं जिनसे हम पुष्प वर्षा करते हैं
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