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मेज इतनी पुरानी थी / गिरिराज किराडू
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|रचनाकार=गिरिराज किराडू
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मेज इतनी पुरानी थी कि उसका कोई वर्तमान नहीं था
हमारे बच्चे इतने नये थे कि उनका कोई अतीत नहीं था
Pratishtha
KKSahayogi,
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