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हवे पहचान
हमनी के जान
आपन बोली
गाँव के टोली
पोथी-पतरा
चइता-पचरा
संस्कार हऽ
बेवहार हऽ
आपन स्वर हऽ
आपन भासा
समास बा ईहे
ब्यंजन बाटे
माटी, ईहे
चन्दन बाटे


अलंकार आ
बेयाकरन बाटे
मान ई बाटे
स्वाभिमान ई
गीता बाटे, आ
कुरान ई
हमनी के गौरैया ईहे
फुदुकत छोट चिरैया ईहे
भा ेर बा ई
भिनुसार बा ईहे
लमहर-छोट
बिचार बा इहे
लड्डू अउरी बतासा ईहे
सारा खेल तमासा ईहे
ममता बाटे
दुलार बा इहे


बाबू जी के
मार बा ईहे
सावन इहे, भादो ईहे
चन्दन ईहे, कादो ईहे
सान बा ई
अरमान बा ईहे
खुल के कहीं
बात बताईं
नाही कउनो मजबूरी बा
जिनगी आपन भोजपुरी बा ।
</poem>
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