भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
हमारे दिल से सब की सब हैं वो उतरी हुई चीज़ें
दिखाती हैं हमें मजबूरियाँ ऐसे भी दिन अक़्सर अक्सर
उठानी पड़ती हैं फिर से हमें फेंकी हुई चीज़ें
Mover, Reupload, Uploader
3,967
edits