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यह भी हो सकता है / देवेन्द्र आर्य
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03:41, 18 जून 2020
जाने कितनों ने लिखी अपनी कहानी इस पर
फिर भी लगता है मेरे दिल का
वरक
वरक़
सादा हो
रौशनी इतनी ज़ियादा भी नहीं ठीक मियाँ
ये भी हो सकता है आँखों में कोई सपना हो
</poem>
Abhishek Amber
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